या तो मिल जाओ या बिछड जाओ,
यूँ साँसों मे रह कर बेबस ना करो !!
तुम ना जाने किस जहाँ में खो गए,
हम भरी दुनिया में तनहा हो गए !!
रोकना मेरी हसरत थी और जाना उसका शौक,
वो शौक पूरा कर गए, मेरी हसरतें तोड़ कर !!
फांसला रख के भी क्या हासिल हुआ,
आज भी मैं उसका ही कहलाता हूँ !!
किस बात का बदला लिया है तुम ने मुझे अपना बना के,
इस तरह तनहा छोड़ा है की मैं अपना भी न बन सका !!
करीब आने की ख्वाहिशें तो बहुत थी मगर,
करीब आकर पता चला की मोहब्ब्त फासलों में है !!
अब किस्मत ही मिला दे तो मिला दे,
वरना हम तो बिछड़ गए है, तूफ़ान में परिंदों की तरह !!
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है,
काश वो भी कोशिश कर के देखे !!
दुनिया तो कह रही है की वो भूल गया है,
उम्मीद कह रही है तू इन्तज़ार कर !!
वो मेरी तन्हाइयों का हिसाब क्या देगी,
जो खुद ही सवाल है वो जवाब क्या देगी !!
कितनी फिकर है कुदरत को मेरी तन्हाई की,
जागते रहते है ये सितारे रातभर मेरे लिए !!
ख़्वाब तेरे और अब देखे नहीं जाते,
पास आ जाओ अब रूह ने पुकारा है !!
हौसला तो तुझ में भी ना था मुझसे जुदा होने का,
वरना काजल तेरी आँखों का, यूँ ही ना फैला होता !!
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफ़िलों से तो,
मुझे आवाज़ दे देना हम आज भी अकेले रहते हैं !!
खुदा गवाह है की अब काटे से नहीं कटती,
यह इन्तिजार की राते, ये इन्तिजार के दिन !!
हमने तो एक मुद्दत से सोना ही छोड़ दिया एक डर से,
की ख्वाब में भी अब बिछड़े तो हकीकत में मर जायेंगे !!
तूझे पाने की हसरत में कब तक तडपती रहूंगी,
कोई ऐसा धोखा दे की मेरी आस टूट जाए !!
बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं आता,
वरना भूलना तो हम भी बहुत कुछ चाहते है !!
जब कोई कन्धा ना मिला मुझे मेरे रोने के लिये,
तो घर की दीवारों ने गले लगाया मुझे !!